निर्भया केस के चारों गुनहगारों को अपने परिवारों से मिलने के बारे में लिखित तौर पर सूचित कर दिया गया है। तिहाड़ जेल प्रशासन के एक अफसर के मुताबिक, मुकेश और पवन को बताया गया है कि वो परिवारों से अंतिम मुलाकात कर चुके हैं। वहीं, दो अन्य दोषियों अक्षय और विनय से पूछा गया है कि वे कब परिवार से मुलाकात करना चाहते हैं। चारों दोषियों के लिए अब तक कुल तीन बार डेथ वॉरंट जारी किए जा चुके हैं। लेकिन, हर बार कानूनी वजहों से उनकी फांसी टलती रही है।
इस बीच, दोषी पवन गुप्ता ने अदालत की तरफ से उसे दिए गए कानूनी सलाहकार रवि काजी से मिलने से इनकार कर दिया है। न्यूज एजेंसी के मुताबिक, नया डेथ वॉरंट जारी होने के बाद दोनों के बीच किसी तरह की बातचीत नहीं हुई। 14 फरवरी को ट्रायल कोर्ट ने उसके लिए वकील नियुक्त किया था। इससे पहले, पवन ने दिल्ली डिस्ट्रिक्ट लीगल सर्विस अथॉरिटी (डीएलएसए) द्वारा मुहैया कराए गए वकील की सेवाएं लेने से इनकार कर दिया था।
आखिरी मुलाकात का वक्त...
तिहाड़ जेल प्रशासन के एक आला अफसर ने न्यूज एजेंसी से कहा, “हमने चारों दोषियों को लिखित तौर पर उनके परिवारों से अंतिम मुलाकात के बारे में बताया है। मुकेश और पवन को सूचित किया गया है कि वो अपने परिवारों से 1 फरवरी के डेथ वारंट से पहले मिल चुके हैं। दो अन्य दोषियों अक्षय और विनय से पूछा गया है कि वे ये बताएं कि परिवार से अंतिम मुलाकात कब करना चाहते हैं।”
तीन बार टली दोषियों की फांसी
- 7 जनवरी, 2020: पहला डेथ वॉरंट: 22 जनवरी को सुबह 7 बजे फांसी देने का आदेश, एक दोषी की दया याचिका लंबित रहने से फांसी नहीं हुई।
- 17 जनवरी, 2020: दूसरा डेथ वॉरंट: 1 फरवरी को सुबह 6 बजे फांसी देना का आदेश, 31 जनवरी को ट्रायल कोर्ट ने रोक लगाई।
- 17 फरवरी, 2020: तीसरा डेथ वॉरंट: 3 मार्च को सुबह 6 बजे फांसी का आदेश, दोषियों के वकील ने कहा- अभी कानूनी विकल्प बाकी।
ट्रायल कोर्ट की रोक
पटियाला हाउस कोर्ट ने पिछले महीने 7 जनवरी को 22 जनवरी को सुबह 7 बजे तिहाड़ जेल में सभी चार दोषियों को फांसी देने के लिए ब्लैक वॉरंट जारी किया था। हालांकि, एक दोषी की दया याचिका राष्ट्रपति के पास लंबित रहने की वजह से उन्हें फांसी नहीं दी जा सकी। बाद में ट्रायल कोर्ट ने 17 जनवरी को दोषियों की फांसी की तारीख 1 फरवरी तय की। लेकिन 31 जनवरी को कोर्ट ने इसे अनिश्चितकाल के लिए टाल दिया था।